ISSN : 2319-2178 (P) सामाजिक , सांस्कृतिक एवं साहित्यिक पुनर्निर्माण की पत्रिका (विशेषज्ञों द्वारा समीक्षित पीयर-रिव्यूड जर्नल) ISSN : 2582-6603 (o)

डॉ. बृजेंद्र अग्निहोत्री हिंदी साहित्य के समकालीन परिदृश्य में एक विश्वसनीय और सशक्त रचनाकार के रूप में प्रतिष्ठित हैं। इनकी काव्य कृतियाँ- ‘यादें’, ‘पूजाग्नि’ और ‘ख़्वाहिशें’ मानव-मन की गहराइयों को छूने वाली संवेदनशीलता और भाव-प्रवणता से भरपूर हैं, जो पाठकों को आत्मीयता के स्तर पर स्पर्श करती हैं। इनके रचनात्मक अवदान को साहित्य-जगत में न केवल रचनाकार के रूप में बल्कि संपादकीय दृष्टि से भी विशेष सम्मान प्राप्त है। ये ‘मधुराक्षर’ साहित्यिक पत्रिका के कुशल संपादक के रूप में प्रबुद्ध पाठकों के बीच लोकप्रिय हैं। भाषा की प्रांजलता, संप्रेषण की सघनता और शैली की जीवंतता, डॉ. अग्निहोत्री की रचनाओं की विशेष पहचान है। ये साहित्य को केवल अभिव्यक्ति का माध्यम नहीं, अपितु जीवन के यथार्थ से जुड़ा सजीव संवाद मानते हैं। इनकी शोधपरक आलोचनात्मक कृति ‘प्रयाग की साहित्यिक पत्रकारिता’ को विद्वानों ने विशेष सराहना प्रदान की है, जो शोधार्थियों और विद्यार्थियों में अत्यंत लोकप्रिय है। हिंदी साहित्य का सरल, सहज और व्यावहारिक इतिहास प्रस्तुत करती इनकी महत्त्वपूर्ण कृति ‘हिंदी साहित्य का निकष’ इन्हें साहित्येतिहास के मर्मज्ञ विद्वान के रूप में प्रतिष्ठित करती है। वहीं, ‘विकास का आधार: मानवाधिकार’ जैसी कृति में वे मानवीय सरोकारों और संवैधानिक दृष्टिकोण को रचनात्मक विश्लेषण के साथ प्रस्तुत करते हैं, यह कृतियां वर्तमान में अनेक शिक्षण संस्थानों में संदर्भ-ग्रंथ के रूप में प्रयुक्त हो रही है। इनके संपादन में प्रकाशित कृतियाँ- ‘शोध दृष्टि’, ‘शोध प्रतिमान’, ‘फैसले गढ़े जाते हैं’, ‘अर्द्ध सत्य तुम’, ‘अजस्र स्रोत तुम’, ‘हिंदी हैं हम’ तथा ‘पं. सोहनलाल द्विवेदी: चयनित कविताएं’ हिंदी साहित्य को विविध आयामों में समृद्ध करती हैं।

संप्रति: एसोसिएट प्रोफेसर (हिंदी), लवली प्रोफेशनल विश्वविद्यालय, पंजाब।